अक्सर तमाम परेशानियों, ग़म और जहनी पशोपश के बीच एक ख़याल रौशन होता है, अक्सर तमाम परेशानियों, ग़म और जहनी पशोपश के बीच एक ख़याल रौशन होता है,
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
उसको भुलाना ही बेहतर होगा... उसको भुलाना ही बेहतर होगा...
दर-ब-दर फ़कीर भी ज्ञान बांटता रहता है पढ़ाई हकीक़त के दोहराए साफ दिखाती है.. दर-ब-दर फ़कीर भी ज्ञान बांटता रहता है पढ़ाई हकीक़त के दोहराए साफ दिखाती है..
खामखां परेशां न हो जाया कर तू बरसात के महीने में, खामखां परेशां न हो जाया कर तू बरसात के महीने में,